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अफगानिस्तान से सकुशल घर पहुंचा धर्मेंद्र, परिजनों में हर्ष
*रिपोर्टर राम भवन यादव*
सबसे पहले मां के पैर छू लिया आर्शीवाद
आजमगढ़। अफगानिस्तान में फंसे धर्मंद्र सोमवार को मुबारकपुर थाना के नरांव गांव अपने घर पहुंच गए। जहां उनका लोगों न फूल-मालाओं से स्वागत किया। साथ ही स्वजनों ने भी सकुशल आने पर राहत की सांस ली। उधर काफी संख्या में ग्रामीण भी वहां एकत्र हो गए। जिन्होंने धर्मंद्र से अफगानिस्तान के हालत के विषय में जानकारी जुटाई। क्षेत्र के धर्मेंद्र अफगानिस्तान में रहकर स्टील प्लांट में काम करते थे। घर पहुंचते ही पहले उन्होंने अपनी मां का पैर छू कर आर्शीवाद लिया।
बीते दिनों अफगानिस्तान में तालिबान के कब्जे के बाद वहां के हालत बिगड़ गए। जिसके बाद धर्मेंद्र को भी स्वदेश लौटने की चिंता सताने लगी थी। धर्मेंद्र अफगानिस्तान में दो वर्षों से स्टील प्लांट में नौकरी करता था। सोमवार को घर पहुंचने पर माता मुलरी देवी व पत्नी आशा देवी सहित सभी के आंखों से खुशी के आंसू छलक गए। धर्मेंद्र ने बताया कि अफगानिस्तान के स्टील प्लांट से वह 20 अगस्त को घर के लिए निकला था। काबुल एयरपोर्ट पर पहुंचने वहां काफी भीड़ थी और एयरपोर्ट का गेट भी बंद था। गेट नहीं खुला, सभी बस के अंदर ही बैठे इंतजार कर रहे थे। अगले दिन शनिवार को तालिबानी वहां पहुंच गए। सभी को वहां से ले जाकर एक एक होटल में रख दिया। भोजन दिया और बाद मेंं काबुल एयरपोर्ट ले गए। दूसरे गेट से एयरपोर्ट के अंदर ले गए। भोर में चार बजे हमारी प्लेन ने एयरपोर्ट से उड़ान भरा। अगले दिन रविवार की सुबह आठ बजे हम अपने वतन पहुंचे। गाजियाबाद एयरपोर्ट पहुंचने पर सभी ईश्वर से प्रार्थना की और चैन की सांस ली। वहां बस के माध्यम से दिल्ली पहुंचे और वहां से मेरे साथ के लोग गोरखपुर की बस में सवार होकर अपने-अपने घरों के लिए रवाना हो गए।आज सुबह सात बजे के आस-पास गोरखपुर पहुंचे हैं। घर पर पहुंचते ही माता मुलरी देवी का पैर छूकर आशीर्वाद लिया। पत्नी आशा देवी ने पति का पैर छूकर आशीर्वाद। अपने पति के आने पर खुशी के चलते आशा की आंखों से आंसू भी झलक उठे। इस दौरान गांव के लोग भी वहां पहुंच गए और सभी धर्मेंद्र से उसका हाल जाना साथ ही अफगानिस्तान के हालात पर चर्चा की।
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