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अतरौलिया। प्रसूता के जान के साथ हो रहा खिलवाड़, सीएचसी बना धन उगाही का अड्डा, पैसा ना देने पर मरीजों के साथ हो रहा दुर्व्यवहार
अतरौलिया। प्रसूता के जान के साथ हो रहा खिलवाड़, सीएचसी बना धन उगाही का अड्डा, पैसा ना देने पर मरीजों के साथ हो रहा दुर्व्यवहार ।बता दें कि सीएचसी अतरौलिया में सप्ताह के 7 दिन 24 घंटे प्रसूता के डिलीवरी की सुविधा के बावजूद रात्रि में आने वाले मरीजों के साथ दुर्व्यवहार किया जाता है। रात्रि में डॉक्टर अपने कमरे से बाहर नहीं निकलती जिससे प्रसूता को जान का खतरा बना रहता है जब परिजन इसका विरोध करते हैं तो रात की ड्यूटी में तैनात डॉक्टरों द्वारा दुर्व्यवहार कर सामान्य मरीज को भी सीरियस बनाकर अन्यत्र भेज दिया जाता है जिससे डाक्टरों की अच्छी खासी अन्य अस्पतालों से कमीशन मिलता है। जबकि शासन द्वारा यह दावा किया जाता है कि 24 घंटे मरीजों के लिए अस्पताल सेवा देता है लेकिन सीएचसी अतरौलिया पर तैनात संविदा कर्मी स्टाफ नर्स तथा डॉक्टरों से मिलीभगत कर रुपए पैसे का खेल खेला जाता है। जब प्रसूता के परिजन इसका विरोध करते हैं तो संविदा कर्मी स्टाफ नर्स दुर्व्यवहार पर उतर आती हैं और मरीज को अन्यत्र भेजते हैं जहां लोगों का कमीशन बंधा रहता है। स्थानीय निवासी नीरज सिंह का आरोप है कि रात्रि के समय पत्नी का डिलीवरी कराने गया था तो वहां पर कोई डॉक्टर नहीं था। स्वास्थ अधीक्षक से बात करने पर डॉक्टर निकलकर कमरे से बाहर आई और दुर्व्यवहार करते हुए मारने की धमकी भी दे डाली। डॉक्टर द्वारा मुझे सुबह बुलाया गया और सुबह पहुँचने पर वहां तैनात डॉक्टर द्वारा पत्नी को दर्द ना होने का इंजेक्शन लगा दिया गया और कुछ देर बाद अन्यत्र ले जाने की बात कही गई तथा यह भी बोला गया की नॉर्मल डिलीवरी नहीं हो सकती, जबकि उसी प्रसूता का प्राइवेट अस्पताल में नॉर्मल डिलीवरी हुई तथा सरकारी सहायता से वंचित होना पड़ा।भवानीपुर निवासी विजय का आरोप है कि पत्नी के डिलीवरी के लिए रात 11:00 बजे अस्पताल गया तो डॉक्टर उपलब्ध नहीं थी जानकारी हासिल कर डॉक्टर के कमरे पर पहुंचा तो डॉक्टर बोली मैं नहीं आऊंगी आप वहीं कहीं देख लो, बगल के ही कमरे पर दूसरी डॉक्टर के पास गया जिनकी ड्यूटी भी नहीं थी वह पत्नी को देखी और नॉर्मल डिलीवरी भी कराई। सुबह जब डॉक्टर पहुंची तो मरीज को डिस्चार्ज नहीं कर रही थी और दुर्व्यवहार करने लगी स्वास्थ्य अधीक्षक के हस्तक्षेप के बाद पत्नी का डिस्चार्ज कार्ड बनाया गया। जब इसकी हकीकत जानने के लिए स्थानीय पत्रकार ने स्टाफ नर्स से बात करने की कोशिश की तो स्टाफ नर्स ने उग्र होकर कैमरे पर ही वार कर दिया। अब यहां पर सोचने की ही बात है जब एक स्थानीय पत्रकार के साथ स्टाफ नर्स द्वारा ऐसा व्यवहार किया जा रहा है तो आम जनता के साथ कैसा व्यवहार किया जाएगा। इस संदर्भ में स्वास्थ्य अधीक्षक डॉक्टर शिवाजी सिंह ने बताया कि इस तरह के मामले की कोई लिखित शिकायत नहीं प्राप्त हुई है अगर इस तरह का मामला संज्ञान में आता है तो अभिलंब कार्यवाही की जाएगी।
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