अतरौलिया।उगते सूर्य को अर्ध्य देकर छठ मइया से मांगी मन्नतें, भक्तों में बांटा प्रसाद। अर्ध देने के लिए छठघाट में पंहुची हज़ारों की संख्या में महिलाएं।



अतरौलिया।उगते सूर्य को अर्ध्य देकर छठ मइया से मांगी मन्नतें, भक्तों में बांटा प्रसाद। अर्ध देने के लिए छठघाट में पंहुची हज़ारों की संख्या में महिलाएं।

 बता दे कि छठ महापर्व के अवसर पर व्रती महिलाओं ने आज अर्घ्य देने के लिए सुबह चार बजे से नगर पंचायत तथा क्षेत्र के घाटों में पहुंचने लगी। नगर के पूरब पोखरे व पश्चिमी पोखरे पर व्रती महिलाओं ने उगते भगवान भास्कर को अर्घ्य देने के साथ ही सूर्यदेव की आराधना का चार दिवसीय छठ पूजा का महापर्व सम्पन्न हुआ। उगते सूर्य को अर्द्ध देने के लिए व्रती महिलाएं एवं श्रद्धालु जलाशय एवं नदियों के किनारे स्थित छठ घाटों पर सूर्योदय के काफी पहले से गाजे बाजे के साथ पहुंचे। छठ गीतों के साथ व्रती अपने घरों से मौसमी फलों एवं पूजन सामग्री से सजे सूपा एवं दऊरा के साथ निकलकर छठ घाट पोखरे पर पहुंचे। पूरा पोखरा पर विश्व हिंदू परिषद द्वारा चाय का स्टाल लगाया गया था वहीं समाजसेवी भोला द्वारा लोगों को अर्द्ध पर चढ़ाने के लिए दूध भी वितरण किया गया। व्रती महिलाओं ने पानी मे खड़े रहकर सूर्यदेव के उदित होने की प्रतीक्षा की, सूर्योदय के साथ ही भगवान भास्कर को कच्चे दूध एवं जल का अर्घ्य दिया गया। सूर्यदेव को अर्द्ध देने के बाद पूजन, हवन, आरती के साथ छठ माई का प्रसाद वितरण किया गया। इस प्रसाद को ग्रहण करने के लिए श्रद्धालु घंटों छठ घाट पर खड़े रहकर प्रतिक्षारत रहे।छठ घाट पर भगवान भास्कर के उदित होने की प्रतीक्षा करते हुए श्रद्धालुओं ने पटाखे फोड़कर उत्सव का आनंद भी उठाया। छठ पूजा के इस पर्व में सभी धर्मों के लोग भारी संख्या में सम्मिलित होकर कलियुग के प्रत्यक्ष देवता सूर्यदेव एवं छठ माई का आशीर्वाद प्राप्त कर प्रसाद ग्रहण किया। सूर्य पूजन के उपरांत व्रती महिलाओं द्वारा अखण्ड सौभाग्य के प्रतीक सिंदूर को विवाहित महिलाओं की मांग मे लगाया तथा श्रद्धालुओं को भी सिंदूर का टीका लगाया। सूर्य देव को अर्द्ध देकर छठ माई का प्रसाद ग्रहण करने घाट पर नगर पंचायत अध्यक्ष, पार्षदगण एवं अन्य जनप्रतिनिधि भी पहुंचे। नगर व ग्रामीण छेत्र के हजारों लोगों ने सूर्य को अर्घ्य दिया और पवित्र जल में आस्था की डुबकी लगाई। छठ पर्व पर सूर्य देव और उनकी बहन छठ मैय्या की उपासना की जाती है। संतान के जीवन में सुख की प्राप्ति और संतान प्राप्ति के लिए छठ का व्रत रखा जाता है।36 घंटे निर्जला व्रत रखने के बाद उगते सूरज को अर्घ्य देने के बाद ही व्रत का पारण किया जाता है। प्रमुख घाटों पर बिजली पानी चाय की व्यवस्था की गई वही प्रशासनिक दृष्टिकोण से क्षेत्राधिकारी गोपाल स्वरूप बाजपेई थाना प्रभारी समेत महिला व पुलिस बल भी मौजूद रहे।

Comments