अतरौलिया। स्वास्थ्य अधीक्षक ने खोले अपने ही अस्पताल के राज, स्टाफ नर्स की पृष्ठभूमि पर रची जा रही साजिश, संविदा कर्मी पूर्व स्टाफ नर्स के इशारे पर हो रहा बड़ा खेल।
अतरौलिया। स्वास्थ्य अधीक्षक ने खोले अपने ही अस्पताल के राज, स्टाफ नर्स की पृष्ठभूमि पर रची जा रही साजिश, संविदा कर्मी पूर्व स्टाफ नर्स के इशारे पर हो रहा बड़ा खेल। बता दे की एक तरफ जहां स्वास्थ्य मंत्री ने 26 स्वास्थ्य कर्मियों को बर्खास्त कर स्वास्थ्य व्यवस्था को और बेहतर बनाने के लिए प्रयास कर रहे हैं वही एक ऐसा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र जहां अस्पताल के भीतर रची जा रही है बड़ी साजिश। संविदा कर्मी पूर्व स्टाफ नर्स के इशारे पर चल रहा बड़ा खेल। मामला अतरौलिया सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का है, जहां अपने ही विभाग और अस्पताल के खिलाफ स्वास्थ्य अधीक्षक सलाउद्दीन खान ने बड़े सवाल खड़े किए और अपने तबादले पर बताया कि अस्पताल के अंदर ही मेरे तबादले की पृष्ठभूमि तैयार की जा रही है और मुझे मारने की धमकी दी जाती है। स्वास्थ्य अधीक्षक डॉक्टर सलाहुद्दीन खान ने बताया कि यहां एक संविदा कर्मी पूर्व स्टाफ नर्स थी जो की यही कि स्थानीय निवासी है जिनका बाहर एक प्राइवेट नर्सिंग होम से सीधा संबंध है ।प्राइवेट नर्सिंग होम का संचालक प्राय: प्रसव कक्ष के स्टाफ ड्यूटी कच्छ के आसपास हमेशा उपस्थित रहता था, यह गोपनीय तरीके से प्रसव के मरीजों को इधर-उधर गुमराह करके नर्सिंग होम भेज देती थी। इनमें से पकरडीहा गांव निवासी एक पीड़ित के द्वारा मुख्यमंत्री हेल्पलाइन पोर्टल एवं लिखित शिकायत पर डॉक्टर अरविंद कुमार चौधरी जिला कार्यक्रम प्रबंधक आजमगढ़ की जांच के उपरांत पूर्व स्टाफ नर्स दोषी पाई गई ,जिसके क्रम में भूतपूर्व मुख्य चिकित्सा अधिकारी आजमगढ़ के द्वारा इनका स्थानांतरण सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मेहनाजपुर आजमगढ़ कर दिया गया। बाद में दबाव में परिवर्तित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र अतरैठ ,कोयलसा आजमगढ़ पर किया गया, जिसमें एक प्रकरण और जुड़ा हुआ है। संविदा पर रहते हुए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र अतरौलिया के सरकारी आवास में निवास कर रही थी जिसमें भूतपूर्व मुख्य चिकित्सा अधिकारी के द्वारा प्रदेश शासन के मंसा के अनुरूप संपूर्ण जनपद में संविदा कर्मियों के आवास खाली करने के संबंध में अधीक्षक को पत्र के माध्यम से कहा गया। इन सब बातों से पूर्व स्टाप नर्स और उनके पति व उनके मित्रगण के द्वारा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र अतरौलिया के प्रशासनिक व्यक्तियों को सु नियोजित तरीके से परेशान किया गया । इनके पति पर्दे के पीछे से कहते रहे कि अब अधीक्षक का स्थानांतरण करवा कर ही रहूंगा । जब पूर्व स्टाफ नर्स को आवास खाली करने एवं स्थानांतरण पत्र मुख्य चिकित्सा अधिकारी महोदय के द्वारा जारी कर दिया गया था। इस क्रम में कार्यालय द्वारा कार्य मुक्त आदेश 1/7/ 2024 को देते समय इनके पति के द्वारा मेरे साथ अभद्रता एवं बाहर निकलने पर मारने की धमकी दी गई, जिसकी सूचना थाना अध्यक्ष अतरौलिया को टेलीफोन एवं पत्र के माध्यम से दिया गया। थाना अध्यक्ष के द्वारा कार्रवाई करने के संबंध में पूछने पर मेरे द्वारा एफआईआर करने से मना कर दिया गया। उसी समय इन्होंने अस्पताल परिसर में अराजकता व अधिकारियों एवं कर्मचारियों में भय उत्पन्न कर रखा था। मैं काफी दबाव एवं दहशत में था। इन सब परिस्थितियों में मेरे एक शुभचिंतक ने इनके द्वारा कुछ अराजकता फैलाने की योजना के बारे में जानकारी दी जिसका मेरे मोबाइल में रिकॉर्ड था ।इसको मैंने अपने निकटतम उच्च अधिकारी को यहां की परिस्थितियों को अवगत कराने के लिए भेज दिया । लगभग 2 महीने बाद स्थानीय मीडिया में बिना पूर्ण जानकारी के तथ्यों को तोड़ मारोडकर वायरल किया गया। यहां के एक चिकित्सा अधिकारी जो 2010 से अब तक 8 - 9 वर्ष अधीक्षक रह चुके हैं जो अभी यहां वर्तमान चिकित्सा अधिकारी के पद पर कार्यरत है। शिकायतकर्ता लोग इनको पुनः अधीक्षक बनवाने के अवसर तलाशते रहे हैं ,जबकि डॉक्टर साहब शान्ति पूर्वक सुचारु रूप से अपना चिकित्सकीय कार्य कर रहे हैं। इन सब परिस्थितियों में सरकारी आदेशों का अनुपालन करने के कारण सब समस्याएं सामने आई है। अस्पताल के अंदर कुछ खड्यंत्रकारी आज भी अपनी साजिश से रच रहे हैं।
*बड़ा सवाल* *जब अस्पताल से नहीं हुआ रिलीफ ऑर्डर तो दूसरी जगह कैसे ज्वाइन हुई नौकरी* स्वास्थ्य अधीक्षक ने बताया कि डॉक्टर शिवाजी के समय से ही पूर्व स्टाफ नर्स अपनी पकड़ की बदौलत प्राइवेट नर्सिंग होम में प्रसव पीड़िता लोगों को भेजती है ।जांच के दौरान दोषी पाए जाने पर इनका स्थानांतरण मेहनाजपुर किया गया और वहां से रिलीफ ऑर्डर देकर अतरैठ भेज दिया गया। अब सवाल यह उठता है कि जब सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र अतरौलिया से इन्हें कोई रिलीफ ऑर्डर नहीं मिला तो मेहनाजपुर में कैसे जॉइनिंग हुई और किस रिलीफ ऑर्डर पर अतरैठ स्वास्थ्य केंद्र पर इनको तैनाती दी गई ।उन्होंने कहा की तहकीकात की जाए तो नौकरी जा सकती है । जब कि नई तैनाती अतरौलिया से थोड़ी दूरी पर की गई है। डॉक्टर सलाहुद्दीन खान ने कहा कि ऐसे लोगों पर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए जो अपनी जिम्मेदारियां के प्रति लापरवाह है। उन्होंने कहा कि अगर मुझे यहां लेवल 3 से हटाया जाता है तो यहां किसी लेवल 3 की ही जरूरत होगी जिसकी नियुक्ति होनी चाहिए।
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